मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी वी डी पांडे ने बताया कि किठौर निवासी आस मोहम्मद की 13 वर्षीय पुत्री कई वर्षों से जेनु बेलगम नामक रोग से ग्रसित थी। मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग के सहायक आचार्य डॉ कृतेश मिश्रा से परामर्श करने पर उन्होंने ऑपरेशन की सलाह दी। नाक नी या जेनु वेलगम घुटनों से जुड़ी हुई एक ऐसी समस्या है जिसमें मरीज के घुटने एक दूसरे को छू रहे होते हैं मरीज के घुटने अंदर की तरफ मुड़े हुए होते हैं और पैर बाहर की तरफ मुड़े हुए होते हैं। यह समस्या ज्यादातर बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण देखी जाती है। सबसे ज्यादा यह समस्या 3 साल से 13 साल के बच्चों में देखी जाती है। इसके कारण बच्चों के घुटने में गंभीर दर्द एवं चलने फिरने में परेशानियां हो सकती हैं जैसे-जैसे समस्या बढ़ती जाती है वैसे वैसे मरीज की परेशानी है बढ़ती जाती है जैसे चलते समय संतुलन की कमी जोड़ों में दर्द या अकड़न की समस्या। उपरोक्त मरीज की सर्जरी कृतेश मिश्रा की टीम द्वारा दो चरणों में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निशुल्क रूप से की गई।
अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर ज्ञानेश्वर टाक ने बताया की इस सर्जरी में घुटनों की एलाइनमेंट ठीक करने के लिए ऑस्टिओटोमी की जाती है मरीज सर्जरी के बाद बिल्कुल स्वस्थ है। ऑपरेशन टीम में अस्थि रोग विभाग के डा कृतेश मिश्रा, डॉक्टर सीतांशु, डॉक्टर निखिलेश एवं एनेस्थीसिया विभाग के डॉ योगेश माणिक डॉ प्रमोद आदि रहे।