पांडेश्वर महादेव मंदिर, हस्तिनापुर का वह स्थान जहा पांडव भगवान शिव की आराधना करते थे

pandav mandir Hastinapur

उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में स्थित है पाण्डेश्वर महादेव मंदिर।यह जगह दिल्ली से 110 किमी और  मेरठ से करीब 38 किमी की दूरी पर गंगा किनारे बसा है।  महाभारतकालीन इस मंदिर का जीर्णोद्धार बहसूमा किला परीक्षितगढ़ के राजा नैन सिंह ने 1798 में कराया था।  जिसे देखने देश-विदेश से लोग यंहा आते हैं। पांडेश्वर महादेव मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर को लेकर लोगों की मान्यताएं हैं की यहां आने वाले भक्त बाबा भोलेनाथ से मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद लेकर जाते हैं।  महाभारत काल में पांडु पुत्र युधिष्ठिर ने धर्मयुद्ध से पूर्व यहां शिवलिंग की स्थापना कर बाबा भोलेनाथ से युद्ध में विजयी होने की मन्नत मांगी थी। पांचों पांडव भाई प्रतिदिन इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे।

  मंदिर में लगी पांच पांडवों की मूर्ति महाभारतकालीन है। इसका अंदाजा उनकी कलाकृति से लगाया जा सकता है। यहां स्थित शिवलिंग प्राकृतिक है। यह शिवलिंग जलाभिषेक के चलते आधा रह गया है।इस मंदिर में मांगी गई हर मन्नत बाबा भोलेनाथ पूरी करते हैं  

मंदिर परिसर में एक प्राचीन विशाल वट वृक्ष है। कहा जाता है की इस वट वृक्ष को महाबली भीम ने यंहा स्थापित किया था। इस वृक्ष के नीचे भी श्रद्धालु दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करते हैं। 

 यहीं पर प्राचीन शीतल जल का कुआं स्थित है। इसका जल श्रद्धालु अपने साथ ले जाते हैं। इस जल के घर में छिड़कने से शांति मिलती है।

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