मेरठ। शनिवार को चिकित्सा प्रमुख सचिव आलोक कुमार जनपद में जनसमस्याओं के निस्तारण और सरकार द्वारा चलाई जा रही विकासकारी योजनाओं की समीक्षा के लिए मेरठ पहुंचे। जहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने यूपी में सरकारी डॉक्टरों की कमी होने की बात स्वीकार की। इसी के साथ जल्द से जल्द इसकी भरपाई किए जाने की भी बात कही।
बताते चलें कि प्रमुख चिकित्सा सचिव आलोक कुमार शनिवार को मुख्य रूप से मेरठ मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण से पहले उन्होंने कमिश्नरी सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए जनसमस्याओं के निस्तारण और विकासकारी योजनाओं को लेकर चल रहे कार्यों पर समीक्षा की। इस दौरान मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा, सीडीओ शशांक चौधरी सहित अन्य कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा ने यूपी में सरकारी डॉक्टरों की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि यह बात सही है कि सरकारी डॉक्टरों की कमी है। लेकिन, सरकार इस कमी की भरपाई के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। सरकार की योजना है कि हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में कई जिलों में खोले गए मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी के हजारों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन यह पढ़ाई लंबी होने के कारण एक डॉक्टर तैयार होने में कम से कम पांच से 10 साल का समय लगता है। उन्होंने जल्द से जल्द यूपी में अन्य मेडिकल कॉलेज खोलने जाने और डॉक्टरों की कमी पूरी करने का दावा किया। बताते चलें कि इसके बाद चिकित्सा प्रमुख सचिव मेरठ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करेंगे।
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