महाभारतकालीन हस्तिनापुर अपने आंचल में अनेक रहस्य समेटे हुए हैं। हम बात करेंगे ऐसे मंदिर के बारे में जहां से कभी सोने का दान दिया जाता था। इतना दान आपने भी कभी नहीं सुना होगा। हस्तिनापुर में इस मंदिर की ख्याति कर्ण मंदिर के नाम से है। कहा जाता है कि यह सबसे बड़े दानवीर कर्ण का देश में इकलौता मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
कर्ण ऐसे महारथी जो भी उनके पास आता था उसे वह उसकी इच्छा के अनुसार दान दे दिया करते थे। उन जैसा दानवीर इस लोक में कोई दूसरा नहीं हुआ। बताते हैं कि दानवीर कर्ण के इस मंदिर में एक समय ऐसा था जब यहां सोने और चांदी आभूषण आदि दान किए जाते थे, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस स्थान पर कभी गंगा नदी की मुख्य धारा बहती थी और यहीं स्नान करने के बाद कर्ण से जो कुछ भी मांगा जाता था वो दान कर देते थे। यहां तक कि अपने कवच और कुण्डल भी कर्ण ने यहीं पर दान कर दिए थे।